डॉ. भीमराव अंबेडकर: भारतीय संविधान के जनक और सामाजिक क्रांति के प्रणेता
अंबेडकर जयंती विशेष: समता और न्याय के अग्रदूत को समर्पित
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ज 14 अप्रैल के पावन दिवस पर, समस्त राष्ट्र को "भारतीय संविधान के पिता" डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 133वीं जयंती मना रहा है। यह दिन केवल उस महान व्यक्तित्व को याद के सिवा और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों को अपनाने का अवसर है। इस पावन अवसर पर हम सभी भारतवासियों की ओर से बाबासाहेब को गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
आधुनिक भारत के निर्माता का योगदान
डॉ. अंबेडकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था:
भारत के प्रथम कानून मंत्री
संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका
श्रमिक अधिकारों के पैरोकार
महिला सशक्तिकरण के हिमायती
"मैं किसी समाज की प्रगति को उस समाज में महिलाओं की प्रगति से मापता हूँ।" - डॉ. बी.आर. अंबेडकर
आधुनिक भारत के वास्तुकार
डॉ. अंबेडकर का व्यक्तित्व जो भूमिकाएं निभाता है, वह कई हैं:
संविधान निर्माण में प्रमुख भूमिका
भारत के प्रथम कानून मंत्री
शिक्षा के प्रबल पक्षधर
महिला अधिकारों के हिमायती
आर्थिक नीति निर्माता (RBI formation contribution)
डॉ. अंबेडकर की शिक्षाएं
भारतीय संविधान की विशेषताएं
"शिक्षा वह शक्ति है जो जीवन की परिस्थितियों को बदल सकती है ।" - डॉ. अंबेडकर
संविधान संरचना: भारत को दिया लोकतांत्रिक आधार
1947 में स्वतंत्रता के बाद डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, उनके नेतृत्व में तैयार किया गया संविधान ने भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया।
संविधान की प्रमुख विशेषताएं:
✔ समानता का अधिकार - जाति , धर्म , लिंग के आधार पर भेदभाव निषेध
✔ सामाजिक न्याय - पिछड़े वर्गों के विकास हेतु विशेष प्रावधान
✔ Fundamental Duty - Explanation of Citizen's Duties
✔ धर्मनिरपेक्षता - सभी धर्मो को समान रक्षा
सामाजिक क्रांति: जाति विरोधी अभियान
डॉ. अंबेडकर जीवन भर सामाजिक असमानता के खिलाफ लड़ते रहे। 1956 में उन्होंने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया जो भारतीय इतिहास एक मील का पत्थर था।
प्रमुख सामाजिक आंदोलन:
Manusmriti burning (1927) - जाति व्यवस्था का प्रतीकात्मक विरोध
मंदिर प्रवेश आंदोलन - धार्मिक भेद-भाव के खिलाफ
"संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है जीवन का मार्गदर्शक दिशा-निर्देश है।"
निष्कर्ष: एक सतत प्रेरणा
डॉ. अंबेडकर के जीवन संघर्ष और सफलता की अनोखी कहानी है। इस अंबेडकर जयंती पर, आइए उनके आदर्शों को अपनाएं – शिक्षा, संगठन और स्थिर संघर्ष के दृष्टि से।
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